इंग्लैंड के लिए यादें बनाते हुए

Ali Yaqub for The Players' Tribune

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ठीक है, मैं नकारात्मकता के साथ शुरुआत नहीं करना चाहता. लेकिन कुछ है, जो इंग्लैंड मेंस टेस्ट क्रिकेट कैप्टन के रूप में मुझे पूछना ही होगा. और ये सवाल कोच, क्लब कैप्टंस, कॉमेंटेटर्स, फ़ैन्स क्रिकेट देखने वाले सारे लोगों से है. खासतौर से तब, जब हम इन गर्मियों में ऐशेज की ओर बढ़ रहे हैं.

क्या हम इस वाक्य का प्रयोग बंद कर सकते हैं- ‘यह एक खराब शॉट है?’


मुझे पता है कि हम ये क्यों करते हैं. कुछ मामलों में क्रिकेट थोड़ा अज़ीब है. यह काफी आलोचनात्मक खेल हो सकता है. सब कुछ विकेट लेने पर केंद्रित है, ठीक है ना? हर एक्शन के नतीजे से ही उसका मूल्य तय होता है. इसलिए, अगर बल्लेबाज कोई बड़ा शॉट खेलने की कोशिश करता है, और इसके नतीजे में वो आउट हो जाता है, तो यह कहना आसान है कि शॉट खराब था.

मैं इसे बहुत सुनता हूं.

‘‘ओह, खराब शॉट. वह ऐसा किसलिए कर रहा है?’’

“ये खराब शॉट था.”

और फिर मैं सोचता हूं, क्या ये सच में खराब शॉट था? सच में?

शॉट सेलेक्शन सिर्फ़ तभी खराब होता है जब बैटर आउट हो जाए. आप शायद बिल्कुल वही शॉट किसी और गेंद पर ट्राई करें, सब ठीक रहे और यह चौके या छक्के के लिए बाउंड्री के बाहर चली जाए. फिर कोई कुछ नहीं कहेगा.

यह बुरा शॉट था- क्योंकि बैटर आउट हो गया. गलती करने की चिंता या फिर आउट होने के डर से नकारात्मक मानसिकता बनती है. यह डर को पैदा करता है. अगर आप सोचते हैं कि आप सिर्फ़ इसलिए निशाना बनाए जाएंगे, क्योंकि आपने जो ट्राई किया, वो किसी भी कारण से उस पल में सफल नहीं हुआ. तो एक प्लेयर के रूप में, आप अपनी ही प्रवृत्ति पर शक़ करने लगते हैं.

Ali Yaqub for The Players' Tribune

ख़ैर, अब मैं अपना बड़बड़ाना बंद करता हूं… लेकिन पॉइंट ये है कि यह उन मुख्य चीजों में से एक है, जिन पर हम इंग्लैंड टेस्ट टीम में काम कर रहे हैं. हम एक ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं, जहां सभी लोगों के पास बिना डरे चीजें ट्राई करने की छूट हो. मुझे पता है कि भले ही हमारे पास इसकी क्षमता थी, लेकिन चीजें हमेशा से ऐसी नहीं रही हैं.

हम चाहते हैं कि हमारे साथी हमारी ओर से इस स्पष्टता और विश्वास को महसूस करें- हमने आपको चुना है क्योंकि आप जो करते हैं, उसमें पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ हैं. किसी भी चीज की चिंता मत करिए. खुद को अभिव्यक्त करिए. हमें दिखाइए कि आप सच में क्या कर सकते हैं. और आपको पता है? अगर आप फेल होते हैं, तो ठीक है. इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता. एक कप्तान के रूप में, मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस या मीडिया में, बड़े शॉट ट्राई करने वालों को निशाना नहीं बनाने वाला. और पर्दे के पीछे मैं या ब्रेंडन मैक्कलम आपको चेतावनी भी नहीं देने वाले. असल बात ये है कि कभी ना कभी सभी लोग फेल होते हैं, और शायद इसीलिए आप भी जाइए और अपने अंदाज में बैटिंग करिए. यह इसलिए नहीं बदलेगा क्योंकि ये ऐशेज है.

हम आगे बढ़ेंगे. जाकर सोएंगे और अगले दिन फिर उठेंगे. उम्मीद है कि उस रोज सूरज चमक रहा होगा, और हम फिर से ट्राई करेंगे.

देखिए, मुझे इस बारे में सावधान रहना होगा, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरी बातों को गलत संदर्भ में लिया जाए. सिर्फ़ इसलिए, कि मैं कह रहा हूं कि फेल होना ठीक है, इसका अर्थ ये नहीं है कि मुझे हार से दिक्कत नहीं है. मुझे हारने से नफरत है. इस टीम में सभी को हार से नफरत है. हां, हम सारे लोग सबकुछ जीतना चाहते हैं, लेकिन यहां बात थोड़ी सी अलग है. आपको समझना होगा कि सफलता का एक ही तरीका है कि आप इसके लिए सच में पूरी कोशिश करिए.

और हां, जब आप क्रीज़ पर होते हैं, तो नर्वस होना ठीक है. अगर आपके साथ ऐसा नहीं होता, तो शायद आप इस खेल की उतनी परवाह नहीं करते.

सारी बात उस पल में घट रही घटनाओं से ना शर्माते हुए ये दिखाने की है, कि आपके अंदर थोड़ी सी आग बाक़ी है.

इसका अर्थ है कि आपके पास वह मानसिकता है, जहां कुछ भी पहुंच से बाहर नहीं है. हमारे पास वो भरोसा है कि यहां ऐसा कोई टार्गेट या चैलेंज नहीं है, हम जिसके पीछे जाकर उसे हासिल ना कर सकें.

यह उस फिलॉसफी को मजबूत बनाता है, जिसे मेरी कप्तानी में हम पूरी टीम के अंदर देखना चाहते हैं. एक लीडर के रूप में, मैं कोई बड़ा लेखक नहीं हूं. और, ईमानदारी से कहूं तो मैं ड्रेसिंग रूम में भी बहुत देर तक नहीं बोलता.

मैं ज्यादा इस टाइप का बंदा हूं- चलो इसे निपटाते हैं. या फिर ऐसा बंदा जो खुद उदाहरण बनकर टीम को लीड करे. लेकिन मैं एक चीज के लिए क्लियर हूं कि हम यहां क्या करने की कोशिश कर रहे हैं. दांव पर क्या लगा है. और यह मुझसे या फील्ड पर मेरी महत्वाकांक्षाओं से कहीं बड़ी बात है.

सारी बात प्लेयर्स की अगली पीढ़ी को इंस्पायर करने की है. और यह सिर्फ़ मेरे जैसे बच्चों (छोटे बच्चे जो स्कूल से ज्यादा क्रिकेट में इंट्रेस्टेड हैं) की बात नहीं है. बल्कि यह उन आने वाले प्लेयर्स की भी बात है, जो गेम में आ चुके हैं और अपने करियर के बड़े फैसले ले रहे हैं.

दुनिया बदल रही है. एक खेल के रूप में क्रिकेट काफी बड़े स्तर पर उभर रहा है. पहले से कहीं ज्यादा तेजी से. T20, द हंड्रेड और वनडे जैसे फॉर्मेट्स से प्लेयर्स के लिए पैसा और मौके दोनों ही आ रहे हैं, जो पंद्रह साल पहले नहीं थे.

जब मैं बड़ा हो रहा था, उस वक्त अपने देश को टेस्ट क्रिकेट में रिप्रेजेंट करने से बड़ी बात कोई नहीं थी. मेरा मानना है कि ये अभी भी वैसा ही है. लेकिन मैं इतना भोला भी नहीं हूं. क्रिकेटर्स का करियर छोटा होता है. मुझे पता है कि प्लेयर्स अपनी और अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रख कर ही कोई फैसला लेंगे. यह स्वाभाविक है. मैं सच में चाहता हूं कि पूरी दुनिया के बोर्ड्स इस बात पर विचार करें, और मुझे लगता है कि उन्हें ये करने में मुश्किलें आ रही हैं. इसके खिलाफ़ लड़ने की जगह हमें इसे प्रेम से स्वीकार करना चाहिए.

हां, इस रास्ते पर हम कुछ टैलेंटेड प्लेयर्स को खो देंगे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट को जिंदा और सबसे ऊपर रखने का सर्वश्रेष्ठ तरीका यही है, कि हम कड़ी मेहनत के जरिए प्लेयर्स को कुछ ऐसा दिखाएं जो उन्हें प्रेरित और उत्साहित करे.

हम एक ऐसा ड्रेसिंग रूम बनाना चाहते हैं, जिसका हिस्सा होना मजेदार हो. और माहौल ऐसा रहे जहां हम मैदान पर किसी को प्रयोग करने से ना रोकें. हम प्लेयर्स, खासतौर से अपने बल्लेबाजों को ग्राउंड पर ऐसी आजादी देना चाहते हैं, जो शायद उन्हें पहले कभी ना मिली हो. और यह प्लेयर्स के लिए काफी आकर्षक है. मैं ऑलरेडी इसके सबूत देख चुका हूं.

एक कप्तान के रूप में मेरे लिए सबसे ज्यादा संतुष्टि देने वाली बातों में से एक ये भी है, कि जब काउंटी सर्किट के लोग, जो इंग्लैंड क्रिकेट टीम में एंट्री के क़रीब हैं, मुझे फोन कर पूछते हैं, ‘’मुझे बताओ, मैं टीम में शामिल होने का मौका पाने के लिए क्या कर सकता हूं??’

Ali Yaqub for The Players' Tribune

और फिर मैं उन लोगों से बात करता हूं जिन्होंने हाल ही में ग्रुप में एंट्री मारी है, तो वो मुझे बताते हैं कि वे इसके लिए बेताब थे. जिससे वह आकर देख सकें कि हमारे ग्रुप का हिस्सा होना कैसा लगता है. क्योंकि बाहर से तो ये बड़ी मजेदार सी चीज दिखती है.

मुझे इसका श्रेय ब्रेंडन को देना होगा, क्योंकि हेड कोच के रूप में उनकी फिलॉसफी ही ऐसा माहौल बनाने की रही है, जहां लोग एक टीम के रूप में मुलाकात के लिए भी उत्साहित हों.  वह हमेशा ही कहते हैं, ‘’हम यहां जितनी संभव हो, यादें बनाने के लिए ही हैं. क्योंकि आप इस पोजिशन में बहुत लंबे वक्त तक नहीं रहने वाले.’’ अंततः यह बस इसी के बारे में है.

और हम चाहते हैं कि इसमें शामिल सभी लोग खुद को एन्जॉय करें, प्लेयर्स भी और फ़ैन्स भी. यह हमारे आचार-विचार में शीर्ष पर है. हां, क्रिकेट एक खेल है और यह गंभीर है. इसमें बहुत सारी कड़ी मेहनत और डीटेलिंग है, लेकिन यह मनोरंजन भी तो है.

एक टेस्ट मैच में हमें देखने के लिए दसियों हजार लोग इकट्ठा होते हैं. और लाखों लोग पूरी दुनिया में हमें देखते हैं क्योंकि वो मनोरंजन चाहते हैं. जाहिर तौर पर हम जीतना चाहते हैं, लेकिन ये बात भी उतनी ही महत्वपूर्ण है कि हम ये भी चाहते हैं कि जिसने भी इंग्लैंड को खेलते देखने के लिए पैसे खर्चे हैं, ग्राउंड छोड़ते वक्त कहे- ‘’वाह, क्या कमाल का दिन था.’’

मैंने देखा है कि जब आपको ऐसे पल मिलते हैं, जो वास्तव में दर्शकों को उत्तेजित करते हैं, और यहां तक ​​कि कुछ ऐसा बनाते हैं जो क्रिकेट से परे जाता है, तो कैसा लगता है.

फिर चाहे वो 2005 में फ्लिंटॉफ का कमाल हो, या 1981 में सर इयन बॉथम का. ये ऐसे जादुई पल हैं जिन्होंने लोगों की चेतना को जकड़ लिया और उन्हें दिखाया कि क्रिकेट क्या कुछ हो सकता है. ऐसे पल, जिन्होंने उन लोगों को भी टीवी से चिपका दिया, जिनका क्रिकेट से इतना लेना-देना नहीं है. क्योंकि ये बहुत उत्तेजक थे और आपको ऐसा आभास कराते हैं कि आप किसी ऐसी चीज का हिस्सा बन गए, जो आप शायद दोबारा ना देख पाएं. यह शुद्ध खेल है. यही ऐशेज है.

यहां तक कि अपने खुद के करियर से भी, मुझे पता है कि 2019 में हेडिंग्ली में हुए तीसरे टेस्ट की वह पारी एक ऐसी चीज होगी, जिसके बारे में लोग मेरी रिटायरमेंट के बाद सबसे ज्यादा चर्चा करेंगे. अगर आपको नहीं पता, तो याद दिला देता हूं, हम इस सीरीज़ में 2-0 से पीछे थे. और ऐशेज में इंग्लैंड की उम्मीदें जिंदा रखने के लिए हमें चौथी पारी में 359 चेज करने थे. यह रिकॉर्ड रन चेज थी.

मैंने वीडियोज देखे हैं कि किस तरह से लोगों ने पब्लिक प्लेसेज पर लगी स्क्रीन्स को घेर लिया था. वो इस लगभग असंभव से कमबैक को देखने के लिए रुके, देखा और फिर साथ में जश्न मनाया.

Gareth Copley/Getty Images

मुझे टॉटेन्हम फुटबॉल क्लब के नए स्टेडियम का एक वीडियो याद आता है. यह निश्चित तौर पर वहां के बार की भीड़ का होगा. सारे फ़ैन्स, सैकड़ों या कहें हजारों, स्क्रीन्स के आगे जमे थे, अपनी सीट्स पर वापस जाकर फुटबॉल देखने की जगह, क्रिकेट से चिपके हुए. यह बस उन पलों में से एक था जिसने लोगों को रोक लिया. पूरे देश से ऐसी प्रतिक्रियाएं देखना कमाल था. मुझे बहुत गर्व है कि मैं इसका हिस्सा रहा हूं.

इस पल में, इस पारी में आगे बढ़ने का एक ही रास्ता था. मैंने कभी भी नहीं सोचा कि अपनी बैटिंग का तरीका बदलूं, या सुरक्षित अंदाज में बैटिंग करूं. क्योंकि एक खास तरीके से खेलकर ही हमने इस टेस्ट में वापसी की थी. मुझे याद है कि जैक लीच बैटिंग के लिए आया, उस वक्त मैं स्कोरबोर्ड की ओर देख रहा था कि अब तो जरूरी रन बस थोड़े से रह गए हैं.

यहां तक कि जब ऑस्ट्रेलिया वालों ने नेथन लॉयन के रूप में ऑफ स्पिनर को बॉलिंग दी, तब भी मुझे पता था कि मुझे सिंगल्स और डबल्स लेकर इससे बचने की जगह, अपने तरीके से ही आगे बढ़ते रहना होगा.

जब मैंने छक्का मारा, हमें जीत के लिए सिर्फ़ दो रन और चाहिए थे. ओ भाई! मैंने खुद को बाउंड्री पर लगभग फंसा ही दिया था. मैं सच में फील्डर की उंगलियों पर ही था. कई रिस्की मोमेंट्स आए और यह टेस्ट ऑस्ट्रेलिया की ओर जा सकता था. लेकिन मेरे दिमाग में दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था. अगर मुझे जीतना था, तो मुझे वैसा ही खेलना था जैसा मैं चाहता था, बिना डर के.

जब यह खत्म हुआ, हम सभी पागलपन में छोटे बच्चों जैसे बन गए, इधर-उधर भागते और फ़ैन्स की तरह सेलिब्रेट करते. एक टीम के रूप में हमने ड्रेसिंग रूम में भी बहुत मजे किए. और इसका अंत हुआ हम लोगों के एक ग्रुप द्वारा बड़ी टैक्सी लेकर मैकडॉनल्ड्स तक जाने और वहां 200 पाउंड्स के बर्गर और चिप्स ऑर्डर करने पर. जो रूट ने इसका बिल पे किया, मुझे लगता है कि वह इसके जरिए यॉर्कशर के लोगों पर लगे कंजूसी वाले लेबल से बचना चाहते थे.

इस दिन की पूरी कहानी मैं उस वक्त के लिए बचाऊंगा जब मैं बूढ़ा, रिटायर और दो नए घुटनों वाला रहूंगा. अभी मेरा ध्यान मौजूदा वक्त और आने वाली गर्मियों पर है.

हम सभी जानते हैं कि ऐशेज बहुत बड़ी बात है. यह एलीट चीज है. यह नॉर्मल क्रिकेट फ़ैन्स से आगे की बात है. पूरी दुनिया के लोग इसका इतिहास जानते हैं. उन्हें ये भी पता है कि यह इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए कितना मायने रखता है.

यह किसी और सीरीज़ जैसी नहीं है. इसमें प्रेशर होता है, हाइप होती है और साथ ही होता है अतिरिक्त शोर, लेकिन हम इन गर्मियों में इन सबके लिए तैयार हैं. बीते साल हमने कुछ अच्छे नतीजे हासिल किए थे और लड़कों की मानसिकता काफी मजबूत है. हम जो भी कर रहे हैं सभी लोग उसके लिए पूरी तरह से समर्पित हैं. हमें पता है कि हम कितने अच्छे हैं, और अपने अच्छे दिनों पर हम किसी को भी उनके अच्छे दिन  पर भी हरा सकते हैं.

मैं आपसे वादा करता हूं:

हम बिना डरे खेलेंगे.

हम कोई भी कसर नहीं छोड़ेंगे.

और हम कुछ यादें बनाएंगे.

उम्मीद है कि रिजल्ट हमारी ओर होगा, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये है- कुछ भी हो- आपको मजा बहुत आएगा.

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